संघ राज्य / उ. प्र. लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित विगत वर्षों में पूछे गये प्रश्नोत्तर |
जो तोला जा सके |
परिमेय |
जो युद्ध में स्थिर रहता है |
युधिष्ठिर |
वह कवि जो तत्काल कविता करे |
आशुकवि |
जो किसी विषय का ज्ञाता हो |
विशेषज्ञ |
सब कुछ जानने वाले |
सर्वज्ञ |
बिना पलक झपकाए |
निर्मिमेष / अपलक |
उत्तराधिकार में प्राप्त सम्पत्ति |
रिक्थ |
जिसकी आशा न की गई हो |
अप्रत्याशित |
कम बोलने वाला |
मितभाषी |
परंपरा से चली आ रही बात के लिए |
अनुश्रुति |
जिसके पास कुछ न हो |
अकिंचन |
जो ईश्वर में विश्वास रखता हो |
आस्तिक |
स्वेद से उत्पन्न होने वाला |
स्वेदज |
जिसका विवाह न हुआ हो |
अपरिणीत |
जिसे दूर करना कठिन हो |
दुर्निवार |
जिसका कोई शत्रु नहीं जन्मा है |
अजातशत्रु |
खोज करने वाला |
अन्वेषक |
जिसकी ग्रीवा सुन्दर हो |
सुग्रीव |
जिसका अनुभव इन्द्रियों द्वारा न हो सके |
अतीन्द्रिय |
लौटकर आया हुआ |
प्रत्यागत |
जो स्त्री अभिनय करे |
अभिनेत्री |
जो व्याकरण जानता हो |
वैयाकरण/व्याकरणज्ञ |
आँखों से परे |
अप्रत्यक्ष/परोक्ष |
अपने सहारे पर रहने वाले |
स्वावलंबी |
जो प्रमाण से सिद्ध न हो सके |
अप्रमेय |
किसी पर विजय प्राप्त करने की इच्छा रखने वाला |
जिगीषु |
जो स्त्री सूर्य भी न देख सके |
असूर्यम्पश्या |
कुछ खास शर्तों पर किसी कार्य को करने का समझौता |
संविदा |
जिसकी पहले से कोई आशा न हो |
अप्रत्याशित |
राज्य द्वारा निकाला गया आधिकारिक आदेश |
अध्यादेश |
वह स्त्री जिसका पति परदेश (विदेश) गया हो |
प्रोषितपतिका |
पैर से सिर तक |
आपादमस्तक |
अनुचित बात के लिए आग्रह करने वाला |
दुराग्रही |
जो स्त्री के वशीभूत है |
स्त्रैण |
मदिरा पीने का प्याला |
चषक |
‘सवाल-जवाब’, ‘बहस- हुज्जत’ या दिए गए उत्तर पर उत्तर |
प्रत्युत्तर |
वह कन्या जिसके साथ विवाह का वचन दिया गया है |
वाग्दत्ता |
ऐसी जीविका जिसका कुछ ठीक-ठिकाना न हो |
आकाशवृत्ति |
मरणासन्न अवस्था वाला |
मुमूर्षु |
जिसे अपनी जगह से अलग कर दिया गया हो |
विस्थापित |
बुरे उद्देश्य से की गई गुप्त मंत्रणा |
दुरभिसंधि |
तैरने या पार करने का इच्छुक |
तितीर्षु |
कनिष्ठिका और मध्यमा के बीच की ऊँगली |
अनामिका |
जिसके पेट में माँ ने रस्सी (दाम) बाँध दी हो |
दामोदर |
‘पीछे-पीछे चलने वाला’ वाक्यांश के लिए |
अनुगामी/ अनुचर |
‘जिसकी कोई कीमत न हो सके’ वाक्यांश के लिए |
अमूल्य |
थोड़ा नपा-तुला भोजन करने वाला |
मिताहारी |
गुरु के समीप रहकर अध्ययन करने वाला |
अन्तेवासी |
जिसके हृदय पर आघात हुआ हो |
मर्माहत |
जो अपने पद से हटाया गया हो |
पदच्युत |
जिसे किसी वस्तु की स्पृहा न हो |
निःस्पृह |
जिसकी पूर्व से कोई आशा न हो |
अप्रत्याशित |
जो क्षीण न हो सके |
अक्षय |
बहुत अधिक बोलने वाला व्यक्ति |
वाचाल |
तिलक लगाने के लिए जिस अन्न का प्रयोग किया जाता है |
अक्षत |
जिसका इलाज न हो सके |
असाध्य |
जिसे जीता न जा सके |
अजेय |
जिस स्त्री का पति जीवित है। |
सधवा |
जिसका जन्म छोटी जाति (निचले वर्ण) में हुआ हो |
अन्त्यज |
जो सब कुछ जानता है |
सर्वज्ञ |
जिसके सिर पर चन्द्र हो |
चन्द्रशेखर |
जिसके हृदय में ममता नहीं है |
निर्मम |
खाद्य सामग्री जो यात्रा के समय रास्ते में उपयोग के लिए दी जाती है। |
पाथेय |
आधी रात का समय |
निशीथ |
जिसे बुलाया न गया हो |
अनाहूत |
मोक्ष की इच्छा रखने वाला |
मुमुक्षु |
रंगमंच के पर्दे के पीछे का स्थान |
नेपथ्य |
हवन में जलाने वाली लकड़ी |
समिधा |
दिशाएँ ही जिनका वस्त्र हैं |
दिगम्बर |
पेट की अग्नि |
जठराग्नि |
जिसका जन्म कन्या के गर्भ से हुआ हो |
कानीन |
हाथी की पीठ पर रखे जाने वाले |
हौदा |
जिसे प्रमाण द्वारा सिद्ध न किया जा सके |
अप्रमेय |
उपनिवेश से सम्बन्ध हो जिसका |
औपनिवेशिक |
रनिवास में कड़े पदें में रहने वाली स्त्री |
असूर्यंपश्या |
उत्तराधिकार में प्राप्त सम्पत्ति |
रिक्थ |
‘गिरा हुआ’ के लिए एक शब्द है। |
पतित |
अपनी इच्छा से दूसरों की सेवा करने वाला |
स्वयंसेवक |
गुरु के समीप रह कर शिक्षा ग्रहण करने वालों |
अन्तेवासी |
अपना उदेश्य पूर्ण होने पर संतुष्ट |
कृतार्थ |
नियम विरुद्ध, असामाजिक कार्य करने वालों की सूची |
काली सूची |
जंगल की आग |
दावानल |
समुद्र की आग |
बड़वानल |
पेट की आग |
जठराग्नि / जठरानल |
आदि से अन्त तक |
अनादि |
अपनी विवाहिता स्त्री से उत्पन्न पुत्र |
औरस |
जो ज्ञात इतिहास से पहले का हो |
अनैतिहासिक |
जो अचानक आँखों से ओझल हो गया हो |
अन्तर्धान |
जो बायें हाथ से सधा हुआ है |
सव्यसाची |
मोक्ष पाने की इच्छा करने वाला |
मुमुक्षु |
सर्दी, गर्मी, दुःख आदि सहन करने की शक्ति |
तितिक्षा |
तैरने या मोक्ष पाने का इच्छुक |
तितीर्षु |
जिसमें सहनशीलता (तितिक्षा) हो |
तितिक्षु |
जिसका निवारण अत्यन्त कष्ट से किया जा सके |
दुर्निवार |
जो पान करने योग्य नहीं है |
अपेय |
आगे की सोचने वाला |
अग्रसोची |
जो भेदा या तोड़ा न जा सके |
अभेद्य |
कान के नीचे लटकता हुआ कोमल भाग |
कर्णपाली |
जो तुरन्त कोई युक्ति सोच लें |
प्रत्युत्पन्नमति |
जिसके हृदय में ममता न हो |
निर्मम |
जो जोता – बोया न गया हो |
अकृषि |
सब कुछ खाने वाला |
सर्वभक्षी |
जो एक जगह से दूसरी जगह न ले जाया जा सके |
स्थावर |
‘वह समारोह, जिसमें गुरुकुल के स्नातकों को विद्याध्ययन कर लेने के उपरांत विदाई दी जाती थी’ – इस वाक्यांश के लिए एक शब्द है। |
समावर्तन |
जो कठिनाई से समझने योग्य है। |
दुर्बोध |
जो पृथ्वी से सम्बद्ध है |
पार्थिव |
जो पहले था पर अब नहीं है। |
भूतपूर्व |
जो कठिनाई से मिलता हो |
दुष्प्राप्य, दुर्लभ |
बहुत सी भाषाओं को जानने वाला |
बहुभाषाविद् |
जिसे जानने की इच्छा है |
जिज्ञासा |
प्रिय वचन बोलने वाली स्त्री |
प्रियंवदा |
पति-युक्ता स्त्री को एक शब्द में कहते हैं |
सधवा |
जिस पुरुष की पत्नी साथ नहीं है। |
विपत्नीक |
झगड़ा लगाने वाले मनुष्य को कहते हैं |
नारद |
महल के भीतरी भाग को किस शब्द में जानते हैं |
अन्तःपुर |
जो किये गये उपकारों को मानता है। |
कृतज्ञ |
बच्चों को सुलाने के लिए गाया जाने वाला गीत |
लोरी |
जो नभ में चलता है |
खेचर |
व्याकरण के ज्ञाता |
वैयाकरण |
बढ़ा चढ़ा कर कहना |
अत्युक्ति, अतिशयोक्ति |
जो स्त्री सूर्य भी न देख सके |
असूर्यम्पश्या, असूर्यं पश्या |
जो हमेशा रहने वाला है |
शाश्वत |
तैरने की इच्छा |
तितीर्षा |
जिस पेड़ के पत्ते झड़ गये हों |
अपत |
शब्द द्वारा जो व्यक्त न हो सके |
अव्यक्त |
साँझ और रात के बीच का समय |
गोधूलि |
जिसके हाथ में शूल हो |
शूलपाणि |
जो वचन या वाणी द्वारा कहा न जा सके |
अकथनीय |
जिसका अनुभव इन्द्रियों से न हो सके |
अतींद्रिय |
घुटने तक बाँह वाला |
आजानुबाहु |
बिना पलक गिराये हुए |
अपलक |
जिसका दमन करना कठिन हो |
दुर्दम्य |
जो भेदा या तोड़ा न जा सके |
अभेद्य |
जिसके पार न देख जा सके |
अपारदर्शी |
जो सबको समान रूप से देखता हो |
समदर्शी |
तथाकथित निम्न जाति में जन्म लेने वाला |
अन्त्यज |
अनिश्चित जीविका के लिए |
आकाशवृत्ति |