महत्वपूर्ण कथन व नारे | व्यक्ति |
नेहरू देश भक्त हैं और जिन्ना राजनीतिज्ञ | अबुल कलाम आजाद |
जिन्ना राजनीतिज्ञ है, नेहरू राष्ट्रभक्त है | अबुल कलाम आजाद |
शिमला सम्मेलन एक दुर्घटना है | अबुल कलाम आजाद |
मेरे शरीर पर पड़ी एक एक लाठी ब्रिटिश साम्राज्य के ताबूत में कील सिद्ध होगी | लाला लाजपत राय |
ह्यूम स्वतंत्रता के पुजारी थे | लाला लाजपत राय |
हर मूल्य पर स्वावलम्बन है | लाला लाजपत राय |
हमारी प्रणाली उस स्पंज की तरह कार्य करती है जो गंगा के किनारे से पानी सोखकर टेम्स के किनारे वर्षा करती है | जॉन सुलीवन |
मैं देश के बालू से ही कांग्रेस से भी बड़ा आंदोलन खड़ा कर दूंगा | महात्मा गांधी |
राजेन्द्र प्रसाद भारत के अजातशत्रु हैं। | महात्मा गांधी |
भारत का विभाजन मेरी लाश पर होगा, जब तक मैं जीवित रहूंगा, तब तक भारत का विभाजन नहीं होने दूंगा | महात्मा गांधी |
भारतीय संस्कृति पूरी तरह से हिंदू है, न इस्लामी और न ही कुछ अन्य वह सबका संयोजन है | महात्मा गांधी |
यह एक ऐसा चेक था जिसका बैंक पहले ही नष्ट होने वाला था | महात्मा गांधी |
हमने घुटने टेक कर रोटी मांगी, किंतु उत्तर में पत्थर मिले | महात्मा गांधी (सविनय अवज्ञा आंदोलन से पूर्व) |
स्वतंत्रता मेरा जन्म सिद्ध अधिकार है, और मैं इसे लेकर रहूंगा | बाल गंगाधर तिलक |
यदि हम साल में एक बार मेढ़क की टर्राते हैं, तो हमें अपने प्रयासों में सफलता नहीं मिलेगी | बाल गंगाधर तिलक |
स्वराज्य हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है | लोकमान्य बालगंगाधर तिलक |
हमारा आदर्श दया, याचना नहीं, आत्मनिर्भरता है | बाल गंगाधर तिलक |
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस भीख मांगने वाली संस्था (बेगिंग इंस्टीट्यूट) है | बाल गंगाधर तिलक |
यदि ईश्वर अस्पृश्यता को सहन करने लगे तो मैं ऐसे ईश्वर की भी मान्यता नहीं दूंगा, | बाल गंगाधर तिलक |
कांग्रेस धीरे-धीरे लड़खड़ा कर गिर रही है और भारत में रहते हुए भी मेरी यह बहुत बड़ी आकांक्षा है कि मैं इसकी शांतिर्पण मृत्यु में सहायक बनूं | लॉर्ड कर्जन |
| |
समूचा भारत एक विशाल बंदी गृह है | चितरंजन दास |
मैं विद्रोही हूं स्वराज विद्रोह आवश्यक है | चितरंजन दास |
हमारा नारा है नष्ट करों, नष्ट करो | चितरंजन दास |
मैं विद्रोही हूँ, मैंने कांग्रेस से विद्रोह किया है | चितरंजन दास |
आराम हराम है | पंडित जवाहरलाल नेहरू |
मैं स्वभाव से ही समाजवादी हूं | जवाहरलाल नेहरू |
हमने सिरदर्द से छुटकारा पाने के लिए सिर कटवाना बेहतर समझा | जवाहरलाल नेहरू |
दासता का नया चार्टर | जवाहर लाल नेहरू |
गोखले भारत के प्रथम कूटनीतिज्ञ थे | जवाहर लाल नेहरू |
क्रिप्स मिशन एक ऐसे बैंक का चेक है जो टूट रहा है | जवाहर लाल नेहरू |
क्रिप्स शैतान के वकील है | जवाहर लाल नेहरू |
अरविंद घोष एक उल्फा थे | जवाहर लाल नेहरू |
वंदेमातरम् | बंकिम चन्द्र चटर्जी |
वेदों की ओर लौटो | स्वामी दयानंद सरस्वती |
यदि हम पाकिस्तान की मांग स्वीकार नहीं किए, तो देश में अनेक पाकिस्तान बन जाएंगे | सरदार बल्लभ भाई पटेल |
जिन्ना विभाजन चाहते हैं या नहीं हम स्वयं विभाजन चाहते हैं | सरदार बल्लभ भाई पटेल |
हिंदुस्तान तलवार के बल पर ही जीता गया है तथा तलवार के बल पर ही इसकी रक्षा की जाएगी | एलगिन द्वितीय |
भारत ने अपनी आवाज कांग्रेस से पाई है | मदन मोहन मालवीय |
मैं भारत का भिखारी है। | मदन मोहन मालवीय |
कांग्रेस को आवाज जनता की आवाज नहीं है। | फिरोजशाह मेहता |
गांधी जी मुस्लिम गोखले बनना चाहते हैं I | मुहम्मद अली जिन्ना |
क्रिप्स मिशन पाकिस्तान का उपहास है | मुहम्मद अली जिन्ना |
जो स्वदेशी राज्य होता है वह सर्वोपरि एवं उत्तम होता है | स्वामी दयानंद सरस्वती |
कांग्रेस का अधिवेशन तीन दिन का तमाशा है। | अश्विनी कुमार दत्त |
पब्लिक सेफ्टीबिल भारतीय गुलामी का नम्बर एक विधेयक है | मोती लाल नेहरू |
गोखले स्वशासन के महान देवदूत थे | मोती लाल नेहरू |
मैं स्वाधीन भारत में मरना चाहता था, परंतु मेरी इच्छा पूर्ण न हो | मोती लाल नेहरू |
राष्ट्रीय कांग्रेस का जन्म मातृभूमि की रक्षा के हित प्रमुख भारतीयों तथा ह्यूम साहब के द्वारा हुआ | ऐनी बेसेंट |
सारी हिंदुत्व प्रणाली पश्चिम से बढ़कर है | ऐनी बेसेंट |
असहयोग आंदोलन एक मूर्खतापूर्ण विरोध है | ऐनी बेसेंट |
इंकलाब जिंदाबाद | भगत सिंह |
क्रांति का अभिप्राय बंदूक व पिस्तौल नहीं | भगत सिंह |
क्रांति की तलवार में धार वैचारिक पत्थर पर रगड़ने से होती है | भगत सिंह |
दिल्ली चलो | सुभाष चन्द्र बोस |
तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा | सुभाष चंद्र बोस |
भगत सिंह ओर इकबाल का एक ही अर्थ है | सुभाष चंद्र बोस |
सारे जहां से अच्छा हिंदोस्तां हमारा | मुहम्मद इकबाल |
हम अल्पसंख्यकों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है पर अल्पसंख्यकों की इच्छाओं को बहुसंख्यकों पर थोपा नहीं जा सकता | लॉर्ड एटली |
सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है | राम प्रसाद बिस्मिल |
गांधी अर्धनंगे फकीर है | चर्चिल |
भारत भूख से मर रहा है | दादा भाई नौरोजी |
तिलक भारतीय अशांति के जनक | सर वेलेंटाइन चिरोल |
अरविंद घोष, भारतीय असंतोष के परिणाम हैं | सर वेलेंटाइन चिरोल |
हिंदू, मुस्लिम भारतमाता की दो आंखे | सर सैय्यद अहमद खां |
अगर मनुष्य में दिव्यता हो सकती थी तो वह नौरोजी में थी | गोपाल कृष्ण गोखले |
कर्जन ने वही किया जो औरंगजेब ने किया | गोपाल कृष्ण गोखले |
इंग्लैंड हमारा पथ प्रदर्शक है | सुरेन्द्र नाथ बनर्जी |
हिंदू, मुस्लिम मुख्यतया दो राष्ट्र हैं | वीर सावरकर |
भारत एक और सूत्र में वधा राष्ट्र नही माना जा सकता | वीर सावरकर |
भारत के मुसलमान स्वतः एक राष्ट्र है | जफरूल हुसैन |
हमें पाकिस्तान अथवा आत्म हत्या में से एक को चुनना | गोविंदवल्लभ पंत |
पाकिस्तान का निर्माता जिन्ना या मोहम्मद इकबाल नहीं, वरन लॉर्ड मिंटो था | राजेद्र प्रसाद |