व्यंजन शब्द |
उनके पर्यायवाची शब्द |
रावण |
दशकंधर, दशशीश, दशानन, लंकेश, लंकाधिपति, दैत्येन्द्र, दशकंठ, दशवदन । |
राजा |
नृप, नृपति, भूप, महीप, नरेश, नरपति, भूपति, राव, नरेन्द्र, सम्राट, महिपति, भूस्वामी । |
लक्ष्मण |
लखन, शेषावतार, रामानुज, सौमित्र, अनंत, शेष, सुमित्रापुत्र । |
लक्ष्मी |
कमला, रमा, नारायणी, पद्महस्ता, विष्णुप्रिया, हरिप्रिया, पद्मा, चंचला, इंदिरा, अब्जवाहना, अब्जा, अब्धिज, अब्धिजा, अंबुजासना, अमला, ईश्वरी, देवश्री, पद्ममालिनी, पद्मगुणा, भार्गवी, मंगला, श्रिया, श्रीप्रदा, सिंधुजा, जगन्मयी, वरवर्णिनी, वृषाकपायी, पद्मालया, सिंधुकन्या, सिंधुसुता, सर्वमंगला । |
लता |
बेल, बेली, बल्ली, वल्लरी, लतिका, प्रतान। |
लाल |
रक्ताभ, सुर्ख, रक्तिम, अरुण, सूर्य, सुर्ख, लोहित, माणिक, सिंदूर, रक्तवर्ण, पुत्र, रक्तवर्णी, आरक्त, वत्स, सुत, सुवन, अंगज, अपत्य, आत्मज, औरस, कुमार, तनय, तनुज, नंदन, पिसर, फरजंद । |
लोहा |
अयस, सार, लौह । |
लहर |
उर्मि, लहर, वीचि, लहरी, हिलोर, उल्लोल, कंपन। |
वक्ता |
व्याख्याता, भाषणकर्ता, वाचक। |
वचन |
कथन, वादा, बात, प्रण, उक्ति । |
वर |
श्रेष्ठ, उत्तम, मुख्य, सर्वोपरि, प्रधान, उत्कृष्ट । |
वर्ग |
समुदाय, कोटि, संप्रदाय, समूह, श्रेणी, जमात I |
वर्षा |
पावस, बरसात, वर्षाकाल, चौमासा, वर्षाऋतु, बरखा, मेह, वृष्टि, बारिश। |
विमल |
स्वच्छ, निर्मल, पवित्र, पावन, विशुद्ध । |
विमान |
वायुयान, खग, उड़नखटोला, हवाई जहाज, नभयान । |
विवाह |
व्याह, पाणिग्रहण, परिणय, उद्वाह, निकाह, गठजोड़ । |
विष्णु |
गरुड़ध्वज, अच्युत, जनार्दन, चक्रपाणी, विश्वम्भर, मुकुन्द, नारायण, हृषीकेश, दामोदर, केशव, माधव, गोविन्द, लक्ष्मीपति, विधु, विश्वरूप, जलाशायी, वनमाली, उपेन्द्र, पीताम्बर, चतुर्भुज, मधुरिपु । |
विष |
जहर, गरल, माहुर, कालकूट, हलाहल । |
विधवा |
पतिरहिता, पतिहीना, पतिविहिना, अनाथा, रांड । |
विभा |
चमक, आभा, कांति, प्रभा, शोभा, दीप्ति, प्रकाश, सौंदर्य, प्रदीप्ति, रश्मि, रोशनी, किरण । |
वीर्य |
शुक्र, धातु, जीवन, सार, तेज, बीज । |
वृक्ष |
शाखी, पादप, द्रुम, विटप, पेड़, पर्णी, गाछ, तरु, दरख्त, बूटा, पुष्पद, रुख । |
वेशभूषा |
पहनावा, परिधान, पोशाक, लिबास । |
वेश्या |
मंगलमुखी, रामजनी, सदासुतगिन, गणिका, वारांगना, पतुरिया, रंडी। |
वैश्य |
बनिया, वणिक, व्यापारी, लाला, आपणिक, सौदागर । |
व्याध |
बहेलिया, शिकारी, आखेटक, लुब्धक। |
क्रीड़ा |
लज्जा, संकोच, शर्म, हया, लाज । |
व्यभिचारिणी |
कुलटा, छिनाल, स्वैरिणी। |
विद्युत |
बिजली, चपला, तड़ित, दामिनी, धनवल्ली, बीजुरी, क्षणप्रभा, चम्पा, सौदामिनी, छटा । |
शंकर |
शिव, चंद्रमौलि, मदनारि, चंद्रशेखर, उमापति, शुभं, महेश, शशिधर, कैलाशपति, गंगाधर, ललाटाक्ष, त्रिलोचन, महादेव, शंभू, विश्वनाथ, नीलकंठ, रुद्र, महेश्वर, पशुपति, गिरिजापति, गौरीपति, अशुतोष, उमेश, औढरदानी, कपर्दी, काशीनाथ, कैलाशनाथ, गिरीश, गौरीनाथ, चंद्रचूड़ चंद्रभाल, त्रिनेत्र, त्रिपुरारि, नटनागर, नटराज, पंचानन, पिनाकी, भूतनाथ, भूतेश, भूतेश्वर, भैरव, भोलेनाथ, विरुपाक्ष, हर। |
शाश्वत |
सर्वकालिक, अक्षय, सनातन, नित्य । |
शिकारी |
आखेटक, लुब्धक, बहेलिया, अहेरी, व्याध। |
शिल्पी |
कारीगर, दस्तकार, संभ्रान्त, शिल्पकार, राजमिस्त्री, शिल्पज्ञ, हुनरमंद, कुशल, गुणवान। |
शुक्ल |
सफेद, धवल, उजला, धौला, सित, अवदात। |
शेर |
पंचानन, नाहर, मृगारि, शार्दूल, व्याघ्र, पंचमुख, मृगराज, मृगेन्द्र, केशरी, केहरी, केशी, महावीर, वनराज, सारंग, शेर, ललित, हरि, मृगपति, पशुराज। |
शेषनाग |
अहि, नाग, भुजंग, ब्याल, उरग, पन्नग, फणीश । |
संध्या |
निशारंभ, दिनावसान, दिनांत, सायंकाल, गोधूलि, प्रदोषकाल, साँझ। |
संन्यासी |
दंडी, बैरागी, विरत, त्यागी, परिव्राजक । |
संसार |
विश्व, दुनिया, जग, जगत, जगती, इहलोक । |
संस्थापक |
संचालक, प्रवर्तक, मूलकर्ता । |
संहार |
बर्बादी, समाप्ति, अंत, नाश, ध्वंस । |
समाप्ति |
इतिश्री, इति, अंत, समापन । |
समुद्र |
सिन्धु, सागर, जलधि, उदधि, पारावार, नदीश, पयोनिधि, वारिश, रत्नाकर, अर्णव, नीरनिधि, अब्धि, वारिधि, जलधाम, नीरधि, तोयनिधि, वारीश, पयोधि, अकूपाद। |
सम्राट |
अधिपति, शहंशाह, राजाधिराज, अधीश्वर, महाराजा। |
सरस्वती |
भारती, शारदा, वीणा, गिरा, भाषा, इला, ब्राह्मी, वीणापति, वागीश, महाश्वेता, श्री, निधात्री, वागेश्वरी, वागिवधात्री, कश्मीरपुरवासिनी, कादंबरी, ज्ञानदा, परमेष्ठिनी, ब्रह्मसुता, ब्रह्मणी, महाषष्ठी, मेधाविनी, वरवर्णिनी, वाग्देवी, वीणापाणि, हरिद्रंजनी, हरिता, हरिद्रा, हल्द। |
समूह |
निकर, समुदाय, वृन्द, गण, संघ, पुञ्ज, समुच्चय, कलाप, यूथ, दल, झुण्ड, मण्डली, टोली, जत्था, राशि, निकाय, वृन्द। |
सर्प |
अहि, भुजंग, विषधर, व्याल, फणी, उरग, पन्नग, नाग, सांप, फणिधर, सरीसृप । |
सारंग |
हिरण, कुरंग, चारुलोचन, चितकबरा, सुन्दर, सरस, रसीला, धनुष, बाण, हल, हंस, मोर, चन्द्रमा, कबूतर, सिंह, हाथी, कोयल, कामदेव, मृगा। |
सोना |
स्वर्ण, कन्चन, हाटक, कनक, हिरण्य, हेम, जातरूप, चामीकर, सुवर्ण, पुष्कल, जातक, रूक्म। |
स्तुति |
प्रार्थना, पूजा, आराधना, अर्चना, प्रशंसा । |
स्वर्ग |
द्वौ, देवलोक, सुरलोक, इन्द्रपुरी, दिव, सुरपुर, बैकुंठ, परलोक, परमधामः। |
हंस |
मुक्तभुक्, मराल, सरस्वती वाहन, कलकंठ, मानसौक, चक्रांग, कलहंस, कारंडव । |
हनुमान |
पवनसुत, पवनकुमार, महावीर, रामदूत, मारुततनय, बजरंगी, मारुतिनन्दन, आंजनेय, कपीश, रामदास, पवन पुत्र, अंजनिपुत्र, वज्रांग, मारुत। |
हरि |
बन्दर, इन्द्र, विष्णु, चन्द्र, सिंह। |
हाथी |
हस्ती, गज, करी, कुंजर, द्विरद, नाग, दन्ती, कुम्भी, सिन्धुर, गजेन्द्र, वारण। |
हिमालय |
हिमपति, नगराज, शैलेन्द्र, नगपति, हिमाद्रि, हिमाचल, गिरिराज, नगेश, नगाधिराज, हिमगिरि, हिमप्रस्थ । |
हिरन |
मृग, सारंग, हरिण, सुरभी, चमरी, कृष्णसार, कुरंग, कुरंगम, चारलोचन, हिरण । |
हिम |
तुषार, नीहार, बर्फ, तुहिन, शीतल, पाला। |